Elementor #237

Mutual Fund SIP क्या है Financial Goals with Mutual Fund SIP

SIP Investment से अपने Financial Goals कैसे पूरे करें

Mutual Fund SIP: अपने छोटे और बड़े वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करने का सही रास्ता है. :-Mutual Fund SIP क्या है? ऐसे अब आसान भाषा में समझें है. www.mutualfundssahihai.com ॰ सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) म्यूचुअल फंड में निवेश करने का एक तरीका है, जहाँ आप हर महीने एक निश्चित राशि निवेश करते हैं, यह किसी EMI की तरह नही है, बल्की यहाँ आप पैसे कमाते हैं, चुकाते नहीं, SIP की खूबसूरत बात यह है कि, आप मात्र 500 रुपए से भी शुरुआत कर सकते हैं और समय के साथ एक बड़ी पूंजी बना सकते हैं . ॰ यह एक अनुशासित तरीका है जो आपमें बचत की आदत डालता है. हर महीने एक तय तारीख पर पैसा अपने-आप आपके बैंक खाते से कट जाते है और Mutual Fund की यूनिट्स खरीद ली जाती हैं, इससे बाजार के उतार-चढ़ाव का फायदा रुपए की औसत लागत (Rupee Cost Averaging) के जरिए मिलता है . मतलब, जब बाजार नीचे होता है, तो आपके पैसे से ज्यादा यूनिट्स खरीदी जाती हैं, और जब बाजार ऊपर होता है, तो कम इस तरह लंबे समय में आपकी खरीदारी की औसत लागत कम हो जाती है. ॰॰अपने लक्ष्य तय करें॰॰ जैसे की शॉर्ट-टर्म गोल और लॉन्ग-टर्म गोल. निवेश शुरू करने से पहले अपने लक्ष्यों को स्पष्ट रूप से परिभाषित करना जरूरी है, आपके लक्ष्य ही तय करेंगे कि आपको किस तरह के फंड में निवेश करना चाहिए, Short Term Goal (1-3 साल) ये वो लक्ष्य होते हैं जिन्हें पूरा करने के लिए आपको जल्दी पैसों की जरूरत पड़ती है, इनके लिए कम जोखिम वाले निवेश विकल्प चुनने चाहिए, · उदाहरण: छुट्टियों का खर्च, नई गाड़ी का डाउन पेमेंट, इमरजेंसी फंड का निर्माण, · सुझाए गए फंड: डेट फंड या liquid fund , जो शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव से comparatively सुरक्षित रहते हैं. long term goal, (5 साल या उससे अधिक) ये बड़े और जीवन में बदलाव लाने वाले लक्ष्य होते हैं, लंबा समय मिलने की वजह से आप इक्विटी मार्केट के जोखिम ले सकते हैं, जिससे उच्च रिटर्न की संभावना बनती है. · उदाहरण: बच्चे की उच्च शिक्षा, घर खरीदना, शानदार रिटायरमेंट फ्लॅन इत्यादी. · सुझाए गए फंड: इक्विटी ओरिएंटेड फंड या Flexi cap fund, जो लंबी अवधि में भारी मुनाफा कमाने की क्षमता रखते हैं. अपने लक्ष्य के हिसाब से सही म्यूचुअल फंड चुनना सफलता की कुंजी है. · Debt mutual fund: ये फंड ज्यादातर पैसा कॉरपोरेट और सरकारी बॉन्ड में लगाते हैं, इनमें इक्विटी फंड के मुकाबले रिस्क कम होता है और रिटर्न फिक्स्ड डिपॉजिट से थोड़ा बेहतर मिलने की उम्मीद रहती है. · लिक्विड फंड: ये सिर्फ कुछ दिनों से लेकर कुछ महीनों की अवधि वाले इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करते हैं, ये आपके पैसे को almost सुरक्षित रखते हुए थोड़ा रिटर्न देते हैं, इसलिए इमरजेंसी फंड के लिए ये बेहतरीन विकल्प हैं. long term goal, के लिए बेहतरीन SIP लॉन्ग-टर्म में आप इक्विटी की ताकत का फायदा उठा सकते हैं. 1)· large cap fund: ये फंड भारत की टॉप, बड़ी और स्थापित कंपनियों में निवेश करते हैं. ( blue chip company) इनमें ग्रोथ धीमी लेकिन स्थिर होती है, इसलिए ये नए निवेशकों के लिए सुरक्षित विकल्प माने जाते हैं. · 2) Flexi cap funds. इन फंडों को मनचाही आजादी होती है, ये बड़ी, मझली या छोटी किसी भी कंपनी में निवेश कर सकते हैं। यह लचीलापप इन्हें लंबी अवधि के लिए एक आकर्षक विकल्प बनाता है. · 3) Small Cap, Mutual fund. ये फंड छोटी लेकिन तेजी से बढ़ने वाली कंपनियों में निवेश करते हैं। इनमें रिस्क ज्यादा है, लेकिन मुनाफे की संभावना भी उतनी ही अधिक होती है। लंबी अवधि और उच्च जोखिम उठा सकने वाले निवेशकों के लिए यह एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है. ध्यान रहे की हर निवेशक की जरूरत अलग होती है, इसलिए एसआईपी भी कई प्रकार के होते हैं. जैसे की regular SIP हर महीने निश्चित Amount,का निवेश सबसे आम तरीका है शुरुआत करने वाले और फिक्स्ड बजट वाले निवेशक के लिए. :॰टॉप-अप एसआईपी आय बढ़ने पर मासिक निवेश राशि बढ़ाने की सुविधा देती है,जिनकी आय में समय के साथ इजाफा होता है, फ्लेक्सी एसआईपी बाजार के हिसाब से निवेश Amount,घटाने-बढ़ाने की छूट देती है अनुभवी निवेशक जो बाजार को समझते हैं और उसी दिशा मे अपना निवेश करते है. SIP start Karne Ka process. अगर आप एसआईपी में निवेश शुरू करना चाहते हैं, तो यह प्रक्रिया बेहद आसान है : निचे दिये गये लिंक पर जाकार आप SIP Calculator का उपयोग करके अपने हिसाब से amount, duration, or returns calculate करके देख सकते है. https://investor.sebi.gov.in/calculators/sip_calculator.html लक्ष्य तय करना: सबसे पहले यह तय करें कि आप निवेश क्यों कर रहे हैं. इससे सही फंड चुनने में मदद मिलेगी. 2. KYC पूरा करना: अपना पैन कार्ड, आधार कार्ड और बैंक की डिटेल्स जमा करके (KYC) प्रक्रिया पूरी करें. 3. सही फंड का चुनाव: अपने लक्ष्य, समयसीमा और जोखिम उठाने की क्षमता के आधार पर एक अच्छा म्यूचुअल फंड चुनें, 4. आवेदन भरना: फंड हाउस या अपने ब्रोकर के पास एसआईपी आवेदन फॉर्म भरें, इसमें निवेश राशि, तारीख और अवधि जैसी जानकारी देनी होगी. 5. ई-मैंडेट सेट करना: अपने बैंक खाते से ऑटोमैटिक पेमेंट की सुविधा (ई-मैंडेट) सेट अप करें, ताकि हर महीने पैसा अपने-आप कट जाए. :-एसआईपी में निवेश करते समय कुछ शुल्क और टैक्स का ध्यान रखना जरूरी है, ताकि आपके रिटर्न पर ज्यादा असर न पड़े. Mutual Fund expense ratio,(TER): फंड को चलाने का सालाना खर्च है, जो फंड की संपत्ति के प्रतिशत के तौर पर काटा जाता है. यह आपके रिटर्न का हिस्सा होता है.ये जितना कम उतना आपके लिया बेहतर है. · mutual fund exit load. अगर आप कुछ खास समय से पहले निवेश निकालते हैं, तो इस शुल्क के तौर पर फंड हाउस आपसे एक फीस वसूलता है. Mutual fund tax calculation. · इक्विटी फंड: अगर आप एक साल से पहले निवेश बेचते हैं, तो मुनाफे पर शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स (STCG) लगेगा. एक साल बाद बेचने पर 12% लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स (LTCG) लगता है, लेकिन एक साल में 1 लाख रुपए तक के मुनाफे पर टैक्स नहीं लगता. · डेट फंड: तीन साल से पहले की बिक्री पर मुनाफा आपकी सालाना आय में जुड़ जाता है और आपकी टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स देना पड़ता है। तीन साल बाद बेचने पर 20% टैक्स लगेगा, लेकिन इंडेक्सेशन का फायदा मिल जाता है. Conclusion : छोटी शुरुआत, बड़े नतीजे म्यूचुअल फंड एसआईपी वित्तीय अनुशासन और लंबी अवधि में धन निर्माण का एक शानदार तरीका है, यह आपको बाजार के उतार-चढ़ाव की चिंता किए बिना, एक सिस्टम के तहत निवेश करने का अवसर देता है, चाहे आपका लक्ष्य अगले साल की छुट्टी का हो या अगले 20 साल बाद की रिटायरमेंट की, mutual fund SIPआपको उस लक्ष्य तक पहुंचने का एक सुगम और टिकाऊ रास्ता दिखाता है. आज ही एक छोटी सी राशि के साथ शुरुआत करें और अपने पैसे को काम करने का मौका दें. आपको www.kubermantra.in की तरफ से इन्वेस्टमेंट जर्नी की ढेर सरी सुभकामनाये :॰Happy Investing!

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